नाग पंचमी: भारतीय परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्योहार || Nag Panchami 2023

 Introduction:

भारतीय संस्कृति में विविधता और धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 'त्योहार' है। इन त्योहारों के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजीवनी शक्ति के साथ जीवंत रखते हैं। इस ब्लॉग में, हम 'नाग पंचमी' (NagPanchami) के बारे में बात करेंगे, नाग पंचमी कब , क्यों और कैसे मनाया जाता है , जो भारतीय परंपराओं में एक महत्वपूर्ण त्योहार है।

नाग पंचमी: भारतीय परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्योहार || Nag Panchami 2023
नाग पंचमी: भारतीय परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्योहार || Nag Panchami 2023


नाग पंचमी कब और कैसे मनाया जाता है ?

नाग पंचमी भारतीय संस्कृति के हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है | इस त्योहार पर नेपाल , भारत समेत हिन्दू आबादी वाले देश , दक्षिण एशियाई मे लोग नागों की पारंपरिक पूजा करते हैं | नाग पंचमी हिन्दू कैलंडर के अनुसार सावन मास के शुक्ल पक्ष के पंचमी को मनाया जाता है | सावन मास में दो नागपंचमी तिथि आती है। एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष। 2023 में यानि इस बार कृष्ण पक्ष यानी 7 जुलाई को जो नागपंचमी मनाई जाएगी | इस दिन नाग देवता या साप की पूजा की जाती है | इस दिन शिवलिंग मे लिपटे नाग देव को दूध से स्नान कराया जाता है | 

नागपंचमी तिथि और मुहूर्त :

पहला नाग पंचमी : 7 जुलाई को कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि सुबह 3: 13 मिनट पर आरंभ होगी और 7 तारीख की मध्यरात्रि 12 :18 मिनट पर समाप्त होगा। 

दूसरा नाग पंचमी : 21 अगस्त को शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 20 अगस्त को रात 12: 23 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी। 21 तारीख को रात में 2: 01 मिनट पर यह तिथि समाप्त हो जाएगी।

नाग पंचमी क्यों मनाया जाता है | नाग पंचमी त्योहार का महत्व 

भारतीय महाकाव्यों में से एक, महाभारत, में राजा जनमेजय ने नाग जाति को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया। इसका मुख्य उद्देश्य था उनके पिता राजा परीक्षित की मौत का प्रतिशोध लेना, जो तक्षक सांप के काटने की क्रूर घटना में आ गए थे।

इस क्रिया को रोकने के लिए आगम ऋषि आस्तिक ने कई प्रयास किए, जिनमें वह यज्ञ के आयोजन की विरोध करने का प्रयास करते हैं और नागों के प्राणों की रक्षा करने की कोशिश करते हैं। उनके प्रयत्नों का परिणामस्वरूप, यह यज्ञ बंद होता है और नाग पंचमी का पर्व उत्पन्न होता है। नाग पंचमी का आयोजन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है और इसे आज भारत भर में एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

नाग पंचमी के महत्व को ध्यान में रखते हुए, इसे विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों और महाकाव्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। महाभारत, नारद पुराण, स्कंद पुराण, और रामायण जैसे ग्रंथों में आपको नागों की विभिन्न कथाएँ मिलेंगी।

एक और रोचक कथा जुड़ी है भगवान कृष्ण और नाग कालिया की, जहां कृष्ण ने यमुना नदी पर कालिया सांप के साथ युद्ध किया। उन्होंने नादिका से लड़ते हुए सांप को पराजित किया और अंत में उसके शक्तिशाली प्राणों को शांत किया। इसके बाद, कृष्ण ने कालिया से वादा किया कि वह मनुष्यों को परेशान नहीं करेगा और उसे क्षमा कर दिया गया।

गरुड़ पुराण में भी वर्णित है कि नाग पंचमी पर नागों की पूजा करने से भक्त को सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

नाग पंचमी के दिन और क्या क्या होता है ?

नाग पंचमी के बहुत से गाँव और कस्बों में कुश्ती का आयोजन किया जाता है जिसमे आसपास के पहलवान कुश्ती मे भाग लेते हैं  | 

इस दिन बहुत से जगहों पर मेले का आयोजन भी किया जाता है | महाराष्ट्र के कुछ गाँव में सांपों का परदर्शन भी किया जाता है |

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